Janmashtami 2024 का शुभ मुहूर्त: राष्ट्रीय जन् माष् टमी पर्व आज मनाया जा रहा है। 26 अगस्त की मध्यरात्रि में जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा की जाएगी। जो सिर्फ 44 मिनट का शुभ मुहूर्त पाएगा।
Janmashtami 2024 Puja Time: 26 अगस्त, 2024, सोमवार को भगवान श्री कृष् ण का जन् मोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। सब कृष् ण मंदिर दुल्हन की तरह सजाकर तैयार हैं।
कृष्ण भक् तों ने जन्मोत्सव का व्रत रखा है। जन् माष् टमी का त् योहार भाद्रपद माह के कृष् ण पक्ष की अष् टमी तिथि को मनाया जाता है। इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मध्यरात्रि में हुआ था। यह भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है। जाने कि आज जन्माष्टमी पर भगवान कृष् ण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है।
जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त
पंचांगानुसार इस वर्ष भादो कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03.39 से शुरू होकर 27 अगस्त की तड़के 02.19 तक रहेगी। ग्रहस्थ लोग आज जन्माष्टमी मनाएंगे। आज जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12 बजे से 12.44 बजे तक रहेगा।
यानी भक् तों को पूजा करने के लिए सिर्फ ४४ मिनट का समय मिलेगा। यही समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होगा, और उन्हें जयकारों और मंत्रों के बीच भोग लगाया जाएगा। व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा से पूरी होती हैं। जीवन में खुशी और खुशियाँ रहती हैं।
साल 2024 में जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग
जन्माष्टमी पर इस साल एक बहुत दुर्लभ संयोग हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, जो द्वापर युग था। यानी कि कृष् ण जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र था और वृषभ राशि में चंद्रमा था। दोनों आज भी बन रहे हैं। जन्माष्टमी पर शश राजयोग और गुरु-चंद्र की युति से गजकेसरी योग भी बन रहा है।
जन्माष्टमी की पूजन सामाग्री
लड्डू गोपाल की मूर्ति, उनके वस्त्र, श्रृंगार के लिए गहनें, मोर मुकुट, बांसुरी, बाल गोपाल का झूला, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, कलश, हल्दी, पान, सुपारी, गंगा जल, सिंहासन, इत्र, सिक्के, सफेद और लाल कपड़े, कुमकुम, नारियल, मौली, लौंग, दीपक
जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी की सुबह स्नान करने के बाद श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल को स्नान करना, उनका श्रृंगार करना और जन् माष्टमी व्रत का संकल् प लेना चाहिए। फिर शुभ मुहूर्त में रात को श्रीकृष्ण को दूध से स्नान कराएं। फिर गंगाजल, शहद, शर्करा और दही मिलाकर स्नान करें। यानी बाल गोपाल को पंचामृत से सजाओ।
फिर कान् हा को नया कपड़ा पहनाएं। मोर पंख का मुकुट हाथ में लेकर एक नई बांसुरी थमाएं। चंदन उन पर लगाएं। वैजयंती माला पहनते हैं। बाल गोपाल को पालना में रखें और उसे झूला झुलाएं। बाल गोपाल को माखन, मिश्री, पंजीरी, तुलसी, फल, मखाने, मिठाई, मेवा और अन्य भोजन अर्पित करें। धुप और दीपक आरती करें।
भगवान कृष्ण के मंत्र
– कृं कृष्णाय नमः
– ओम क्लीम कृष्णाय नमः
– गोकुल नाथाय नमः
– ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:
– ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
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