Aja Ekadashi 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। अजा एकादशी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस दिन व्रत रखने से श्रीकृष्ण की कृपा मिलती है।
Aja Ekadashi Vrat Ka Mehatav: सनातन धर्म में एकादशी व्रत श्रीकृष्ण को समर्पित है। हिंदू शास्त्रों ने इस दिन और व्रत का बहुत महत्व बताया है। हर महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत रखा जाता है। याद रखें कि हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। अजा एकादशी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 29 अगस्त को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से सभी पाप मिट जाते हैं और मोक्ष मिलता है। अजा एकादशी का दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन है। अजा एकादशी की तिथि, मुहूर्त और महत्व जानें।
अजा एकादशी तिथि 2024
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त को रखा जाएगा, जैसा कि उद्धृत तिथि है।
अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक किया जा सकता है। व्रत का पारण करने के लिए सिर्फ ४२ मिनट का समय है।
अजा एकादशी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म शास्त्रों में अजा एकादशी का बहुत महत्व है। इस दिन व्रत रखने से श्रीहरि की कृपा मिलती है। माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से श्रीहरि तुरंत प्रसन्न होते हैं। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष मिलता है। यही नहीं, अजा एकादशी का व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ की तरह पुण्यफल मिलता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि अजा एकादशी का व्रत व्यक्ति को भौतिक सुख-समृद्धि के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी दिलाता है।
अजा एकादशी पर करें मंत्र जाप
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।